कोरोनावाइरस: सावधानी और सुरक्षा
वैश्विक महामारी covid-19 का संक्रमण, चीन से होते हुए अब पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले चुका है। चीन से होते हुए यह बीमारी पूरे विश्व में अपना प्रभाव फैला रही है। लगभग 185 देशों में इसके पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर विश्व भर के वैज्ञानिक यथासंभव प्रयासों में लगे हैं परंतु अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन सकी है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम हर संभव सावधानियां बरतें। परंतु यह सावधानियां कौन-कौन सी हैं और किस प्रकार की जाए यह भी एक भ्रम का विषय बन गया है।
इस भ्रांति के समय में आवश्यक हो जाता है कि हम तर्क पूर्ण समाधान का अनुपालन करें। हम इन समाधानों को दो श्रेणियों में बांट सकते हैं। क्योंकि यह एक संचारी रोग है यह आवश्यक हो जाता है कि हम अपने बाहरी परिवेश का आवश्यक ध्यान रखें इसीलिए हमारी पहली श्रेणी है बाहरी सावधानियां। यद्यपि अगर जाने अनजाने में हम इस संक्रमण की चपेट में आ जाए तो हमारे शरीर का आंतरिक रुप से रोग प्रतिरोधक होना आवश्यक है इसीलिए दूसरी श्रेणी है आंतरिक समाधान।
बाहरी सावधानिया
❖ दुर्घटना से दूरी भली
दरअसल कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कोरोना होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। संक्रमित व्यक्ति जैसे ही खाँसता या छींकता है इस वायरस के कण उस व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर सकते हैं इसके अलावा, आसपास की सतह पर भी, कुछ समय के लिए स्थिर हो जाता है।
यह भी विडंबना है की किसी भी व्यक्ति में वायरस के लक्षण दिखने में समय लग जाता है इसीलिए आवश्यक है कि हम सब आवश्यक दूरी बनाए रखें। एक जगह पर अधिक भीड़ इकट्ठा ना होने दे, आवश्यकता पड़ने पर अगर किसी के संपर्क में आना भी हो तो बात करते वक्त दूरी बनाए रखें, हाथ भी ना मिलाएँ और आवश्यक ना हो तो घर से बाहर न निकले।
यहां पर सामाजिक दूरी का उचित औचित्य समझना भी अतिआवश्यक है इसका तात्पर्य मात्र शारीरिक दूरी से है ना कि भावनात्मक दूरी से।
❖ मास्क को बनाएं न्यू नॉर्मल
सुचारु रूप से जीवनयापन के लिए घर से बाहर तो निकलना ही होगा, संपूर्ण विश्व भी अनलॉक की तरफ अग्रसर हो रहा है। ऐसे में मास्क का प्रयोग करना अत्यंत आवश्यक है। जाने अनजाने में किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर भी मास्क का प्रयोग करके हम संक्रमित होने से बच सकते हैं। इसीलिए घर से बाहर निकलने पर स्वयं भी मास्क का प्रयोग करें और सबको मास्क लगाने के लिए प्रेरित भी करें।
❖ सफाई से सुरक्षा सुनिश्चित
● निर्जीव सतहो की स्वच्छता
विभिन्न प्रकार की धातुओं जैसे लोहा, स्टील और प्लास्टिक, रबर आदि किसी भी निर्जीव वस्तु से बनी सतह इस श्रेणी में आती है़ं। अधिक प्रयोग में आने वाले सामान अधिकतर निर्जीव सतह के होते है। निरंतर प्रयोग मे आने वाली इन वस्तु की सफाई पर सर्वप्रथम ध्यान देना आवश्यक है। जैसे खिड़की दरवाज़ों के हैंडल्स, मोबाइल फोन, टीवी का रिमोट, फ्रिज़, बच्चों के खिलौने, कार का हैंडल्स, डस्टबिन, कीबोर्ड आदि दिन में दो से तीन बार सैनिटाइज करें।
ऐसी निर्जीव सतह के सैनिटाइजेशन में फिनाइल या लिक्विड ब्लीच (सोडियम हाइपोक्लोराइड) का प्रयोग किया जा सकता है। सैनिटाइजर के रूप में एक प्रतिशत सांद्रता वाले ब्लीच के एक भाग को 99 भाग पानी में मिला कर प्रयोग करना सबसे सुलभ उपाय है। किंतु ध्यान रखें मिश्रण त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है इससे बचने के लिए इस मिश्रण का प्रयोग करते समय सदा ग्लव्स का प्रयोग करें।
● सजीव सतहो की स्वच्छता
सजीव सतह जैसे मनुष्य की त्वचा आदि संवेदनशील होती है। ऐसी सतह
को सैनिटाइज करने के लिए WHO के मानकों पर खरा उतरने वाले सैनिटाइजर अथवा साबुन का ही प्रयोग करें। प्रति दो से तीन घंटे के अंतराल पर हाथ धोएं। जब साबुन का प्रयोग करना संभव ना हो तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। बाहर से आने पर गरम पानी से स्नान करना कारगर साबित हो सकता है। ऐसे समय में व्यक्तिगत स्वच्छता आवश्यक है।
यह भी ज़रूरी
- बहार से लाए गए सामान को 24 घंटी बाद में ही प्रयोग करें। आवश्यक होने पर सैनिटाइज करके प्रयोग करें।
- ऐसे में सब्जी आदि भी अच्छे से धोना आवश्यक है। इसके लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI:Food Safety and Standards Authority of India), के निर्देशो का पालन करें। FSSAI के अनुसार सब्जियों को धुलने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए। जबकि बरसात के मौसम में आप सब्जियों की अतिरिक्त सुरक्षा और सफाई के लिए इन्हें धुलते समय पानी में 50ppm क्लोरीन की सिर्फ एक बूंद का उपयोग कर सकते हैं।
- घर से बाहर निकलने पर दस्तानों का प्रयोग करें।
- बाहर प्रयोग हुए वस्त्रों को भी गुनगुने पानी से धुले अन्यथा सैनिटाइज करें।
- मास्क और दस्तानों की सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखें।
आंतरिक सावधानियाँ
बाहरी सुरक्षा के साथ साथ अंदरूनी सुरक्षा अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता, भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। कोरोनावायरस से चल रही इस लड़ाई में हमें अंदरूनी सुरक्षा अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती देनी चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरस से लड़ाई लड़ने में हमारे शरीर को ताकत प्रदान करता है। किसी भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने पर कोरोनावायरस का न्यूनतम असर पड़ता है। और किसी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति के लिए कोरोनावायरस एक जानलेवा बीमारी भी साबित हो सकती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित चीजों का ध्यान दें।
❖ विटामिन–सी
हमारे शरीर के लिए विटामिन-सी एक महत्वपूर्ण विटामिन है। शरीर द्वारा निर्मित ना होने के कारण हमें इसका सेवन हमारे भोजन और अन्य खाद्य पदार्थों से करना चाहिए। विटामिन-सी सभी प्रकार के साइट्रिक फलों में पाया जाता है। हमारे शरीर में विटामिन सी की ठहराव के अभाव की वजह से हमें हमारे भोजन में विटामिन-सी से भरपूर पदार्थों को भी शामिल करना चाहिए।
विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अत्यंत कारगर है। नींबू, टमाटर, हरी मिर्च, संतरा, आदि में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है।
❖ Zinc (जस्ता)
हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को पढ़ाने के लिए Zinc एक महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के B-cell के उत्पादन के लिए खनिज पदार्थ बहुत ही महत्वपूर्ण है।
शरीर में Zinc हमारे भोजन के द्वारा प्रवेश करता है। इसीलिए हमें हमारे भोजन में नियमित रूप से Zinc से भरपूर पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
जैसे कि साबुत अनाज, दूध और दूध के उत्पाद
❖ योगासना
योग से हमें आंतरिक तथा शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है। योगा को नियमित रूप से करने पर कई बीमारियों से लाभ मिलता है और हमें स्वस्थ रखने में सक्षम है। और अगर हम स्वस्थ रहेंगे तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहेगी। इन फायदों के अलावा योगा हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को सीधे तौर पर लाभ भी पहुंचाता है।
निम्नलिखित कुछ योगासन हमारे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं: –
भुजंगासन, सेतु बंधासन, बालासन, हलासन, सुखासन प्राणायाम
उम्मीद है कि यह उपाय आपके लिए कारगर साबित होंगे। हम सबको कोरोना से लड़ना है डरना नहीं। सब सावधानियों का पालन करके करोना को हराया जा सकता है।