दृष्टिदोष दो तरह के होते हैं। निकट दृष्टिदोष(मायोपिया) और दूरदृष्टि दोष (हायपरोपिया)। जब आपको दूर की चीज साफ दिखायी ना दे या धुंधली नजर आए तो यह निकट दृष्टि दोष का लक्षण हो सकता है। जैसे अगर कोई व्यक्ति निकट दृष्टिदोष से ग्रस्त हैं तो वो हाइवे के साइन को नहीं देख पाएगा भले ही वो कुछ दूरी पर ही क्यों ना हो।
निकट दृष्टिदोष क्या है
जब कभी चीज की इमेज रेटिना पर न बनकर, उससे पहले ही बन जाती है तो चीज धुंधला दिखाई देने लगती हैं। इस स्थिति को मायोपिया कहा जाता है। इसमें आमतौर पर दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर इस स्थिति में सुधार किया जाता है। मायोपिया कई मामलों में शुरुआती छोटी उम्र में भी हो सकता है। यानी 6 साल के आसपास भी मायोपिया आ सकता है।
कारण
डॉक्टरो की मानें तो सबसे ज्यादा लोग मायोपिया से प्रभावित हैं। बचपन में देखने की क्षमता का विकास होता और किशोरावस्था में आंख की लंबाई बढ़ती है लेकिन निकट दृष्टि दोष होने की वजह से यह कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आंख में जानेवाला प्रकाश रेटिना पर केंद्रित नहीं होता। इसी वजह से तस्वीर धुंधली दिखाई देती है लेकिन इस दोष को कांटैक्ट लेंस या सर्जरी से ठीक कराया जा सकता है। गौरतलब है कि जिन लोगों को दो मीटर या ६.६ फीट की दूरी के बाद चीजें धुंधली दिखती है उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है।
पारिवारिक इतिहास
अगर माता-पिता में से किसी एक को भी यह समस्या होती हैं तो बच्चे में इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है।
आंखों का प्रयोग
मायोपिया इस बात पर भी निर्भर करता है कि व्यक्ति अपनी आंखों का प्रयोग कैसे करता है। जैसे अगर वो बहुत ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करता है या किताब को बहुत पास से या लंबे समय तक टेलीविजन देखता है तो मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है।
निकट दृष्टिदोष के लक्षण
जो लोग निकट दृष्टिदोष से ग्रस्त होते हैं उन्हें ड्राइविंग, खेल या कुछ फीट नीचे देखने के दौरान सिरदर्द, आंखों पर दबाव, चक्कर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बच्चों में जब यह समस्या होती है तो वो अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उन्हें स्कूल में ब्लैकबोर्ड साफ नहीं दिखता है।
निकट दृष्टि दोष का इलाज
मायोपिया अगर गंभीर ना हो तो चश्मा लगाकर या कांटैक्ट लेंस लगाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा अगर स्थिति गंभीर हो तो ऐसी स्थिति में रिफ्रैक्टिव सर्जरी लैसिक ही इसका उपचार है। लासिक या कार्निया में एक पतला सा गोल फ्लैप तैयार किया जाता है। इसके बाद एक्समायर लेजर से फ्लैप को हटाकर उसके नीचे के कुछ टिश्यूज निकाले जाते हैं और पुन: उस भाग को फ्लैप से ढक दिया जाता है।
- निकट दृष्टिदोष को मायोपिया के नाम से भी जानते हैं।
- मायोपिया होने पर पास की चीजें धुंधली दिखायी देती हैं।
- बहुत देर तक कंप्यूटर पर काम करने से यह समस्या हो सकती है।
- समय-समय पर आंखों की जांच करवाते रहनी चाहिए।
दूर दृष्टि दोष
इस दृष्टि दोष को हायप्रोपिया भ्ज्ञी कहा जाता है। यह मायोपिया से बिलकुल उलट स्थिति होती है। हायप्रोपिक व्यक्ति को दूर की चीजें तो साफ नजर आती हैं, लेकिन नजदीक की वस्तुयें देखने में उसे परेशानी होती है। अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन के मुताबिक जिस व्यक्ति की पुतली बहुत छोटी होती हैं, या जिसका कॉर्निया सही आकार में नहीं मुड़ा होता उसे यह परेशानी होती है।
क्या आपको हो सकता है दृष्टि दोष
अलग-अलग लोगों को दृष्टि संबंधी समस्यायें अलग होती हैं। कुछ लोगों को एक ही दृष्टि दोष होता है, वहीं कइयों को दोनों परेशानियां एक साथ हो सकती हैं। ऐसे लोगों को नजदीक और करीब कहीं भी स्थित वस्तुयें धुंधली और अस्पष्ट नजर आती हैं।
क्या करें
नेत्र विशेषज्ञ से अपनी आंख की पूरी जांच करवायें। इससे आपको पता चलेगा कि आखिर आपकी परेशानी किस स्तर की है। अगर आपको कोई चीज साफ नजर नहीं आती या फिर धुंधली नजर आती है, तो आपको नेत्र विशेषज्ञ से सहायता लेनी चाहिये। इसके अलावा अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण नजर आएं, तो बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क करें।
•धुंधला दिखाई देना
•दो-दो दिखाई देना
•अस्पष्टता
• चकाचौंध या किसी वस्तु के पास चमकदार रोशनी दिखाना
• भेंगा
• सिरदर्द
• नेत्र तनाव
• ध्यान देने में कठिनाई
निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष दोनों के लिए इलाज के कई विकल्प मौजूद हैं। रिफ्लेक्टिव एरर को चश्मा, कॉन्टेक्ट लैंस आदि से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा आजकल ऑपरेशन के जरिये भी नेत्र विकार को ठीक किया जा सकता है। ये ऑपरेशन कुछ ही मिनटों के होते हैं। इसमें कॉर्निया को एडजस्ट किया जाता है। सही निदान और इलाज के बाद अधिकतर लोग सही प्रकार देख पाते हैं। आप अपने नेत्र विशेषज्ञ से अपनी पसंद का विकल्प चुन सकते हैं।